Suno India
Listen out podcasts on issues that matter!
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When Muskan said “Hamare yahaan yeh sab chalta hi nahi hai” (These things aren’t allowed in our areas), we couldn’t help but notice that she said it for feeling love as well as anger. Shubhangani who had joined the zoom call from Kekri, Rajasthan chimed in by saying that she feels pushed around, like a football, by elders. If there is no space to express and feel either love or anger, then what does the heart do? Listen to these adolescent voices as they tell us exactly as their heart feels.
‘Mera Chashma, Mere Rules’, a three-episode podcast produced by The Third Eye in collaboration with Partners for Law in Development (PLD), brought 4 girls—between the ages of 18–20, hailing from different religions, states (Bihar, Jharkhand, Maharashtra, and Uttar Pradesh), social and familial setups—to discuss the range of adolescent experiences which seldom become the subject of policy discussion.
Script and Production: Madhuri Adwani
Voices: Muskan, Sahiba, Shomya and Shubhangini
Facilitation: Kanika and Madhuri
Illustrations: Anupriya
Cover Image editing: Sadia Saeed
The grant for the project has been supported by UNFPA India. For more information see https://pldindia.org/ and https://pldindia.org/advocating-for-adolescent-concerns/.
ज़ूम कॉल पर बातों-बातों में जब मुस्कान ने कहा, “हमारे यहां तो ये सब चलता ही नहीं है” तो हमें थोड़ा समय लगा यह समझने में कि मुस्कान यहां प्यार करने और साथ ही गुस्सा करने की बात कर रही है. शुभांगणी जो राजस्थान के केकरी ज़िले से जुड़ रही थी उसने मुस्कान की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुझे तो लगता है कि बड़ों के लिए हम फुटबॉल हैं! जब इन किशोर दिलों के पास प्यार या गुस्सा दिखाने के लिए कोई जगह नहीं होती तो ये क्या करते हैं? इनके दिल की बात कौन सुनता है? आइए, साथ मिलकर सुनते हैं इन किशोर दिलों की आवाज़ें जहां वे खुलकर बात कह रही हैं.
‘मेरा चश्मा मेरे रूल्स’ तीन एपिसोड की एक पॉडकास्ट शृंखला है. इसे ‘पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट (PLD) के साथ मिलकर हमने तैयार किया है. पीएलडी की मदद से हमारी मुलाकात बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से 18 से 20 साल की 4 लड़कियों से हुई. अलग-अलग सामाजिक और पारिवारिक परिवेश से आने वाली ये लड़कियां एक साझा मंच पर किशोर अवस्था के अपने अनुभवों को साझा कर रही हैं जो कभी-कभार ही हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनती हैं. सुनिए शृंखला का ये आखिरी एपिसोड.
सहयोगी संस्थाएं: पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट (PLD) और द थर्ड आई (TTE)
लेखन, संपादन: माधुरी आडवाणी
आवाजें: मुस्कान, साहिबा, शौम्या और शुभांगणी
चित्रांकन – अनुप्रिया
आवरण चित्र संपादन – सादिया सईद
इस प्रोजेक्ट से लिए प्राप्त सहयोग राशि यूएनएफपीए (UNFPA India) द्वारा दी गई है. अधिक जानकारी के लिए https://pldindia.org/ और https://pldindia.org/advocating-for-adolescent-concerns/ पर संपर्क करें.
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Robert Fox
August 25, 2022
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August 25, 2022
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